“बाँदा गौरव सम्मान – संघर्ष से सफलता” के लिए पंजीकरण अब खुले हैं। आज ही अपना या अपने प्रियजन का नामांकन करें।
अभी नामांकन करें🎉 नामांकन खुले हैं! “बाँदा गौरव सम्मान – संघर्ष से सफलता” के लिए अभी पंजीकरण करें।
बाँदा और बुंदेलखंड की धरती सिर्फ ऐतिहासिक नहीं, बल्कि संघर्षशील आत्माओं की भूमि रही है। यहाँ के लोगों ने विषम परिस्थितियों, सीमित संसाधनों और सामाजिक चुनौतियों के बावजूद जिस जज्बे और मेहनत से सफलता हासिल की है, वह किसी मिसाल से कम नहीं।
“बाँदा गौरव सम्मान – संघर्ष से सफलता” एक ऐसा प्रयास है, जो उन गुमनाम नायकों को मंच देता है, जिन्होंने अपने संघर्ष से समाज को रोशन किया है – चाहे वो शिक्षक हों, किसान, कलाकार, पत्रकार, डॉक्टर, खिलाड़ी या सामान्य नागरिक।
यह सम्मान सिर्फ पुरस्कार नहीं, बल्कि एक संघर्ष और प्रेरणा की पहचान है, जो यह सिद्ध करता है कि “छोटे शहरों की कहानियां भी बड़ी हो सकती हैं।”
“क्योंकि हर बड़ी सफलता के पीछे एक अनसुनी संघर्ष की कहानी होती है… और अब वो कहानी सुनी जाएगी।”
बाँदा गौरव सम्मान – संघर्ष से सफलता कार्यक्रम में पारदर्शिता, निष्पक्षता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु एक अनुभवी एवं प्रतिष्ठित निर्णायक समिति का गठन किया गया है। यह समिति सभी नामांकनों की गहन समीक्षा कर, संघर्ष, सामाजिक योगदान और प्रमाणिकता के आधार पर योग्य प्रतिभाओं का चयन करेगी।
👩⚖️ निर्णायक मंडल के सम्मानित सदस्यगण
(सामाजिक कार्यकर्ता)
भूजल संरक्षण और पर्यावरण सुधार में उल्लेखनीय योगदान। 2005 में प्रारंभ किया गया उनका अभियान "खेत में मेड़, मेड़ पर पेड़" आज एक जनांदोलन बन चुका है। पद्मश्री से सम्मानित, समाज के लिए समर्पित व्यक्तित्व।
(पूर्व जिलाधिकारी, बाँदा)
एक प्रेरक प्रशासनिक अधिकारी जिन्होंने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अपनी सेवा के दौरान नवाचार, सुशासन और जन-संवाद को नया आयाम दिया। आमजन से सीधा संवाद और व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए चर्चित।
(पूर्व विधायक व पूर्व एम.एल.सी.)
हमीरपुर सदर से दो बार विधायक और एक बार बाँदा-हमीरपुर से एम.एल.सी. रहे। सामाजिक सरोकारों, शिक्षा और क्षेत्रीय विकास में सक्रिय भूमिका निभाने वाले जनप्रतिनिधि।
(निदेशक, प्रसार, बुंदेलखंड कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा)
कृषि शिक्षा, अनुसंधान और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में विशेष योगदान। ग्रामीण विकास और किसानों के लिए प्रशिक्षण व समाधान देने में अग्रणी।
(वरिष्ठ वकील, राजनेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता)
वरिष्ठ नेतृत्व, सामाजिक चेतना और जनहित के मामलों में सक्रिय हस्तक्षेप रखने वाले प्रभावशाली व्यक्तित्व। कानून, जनसंघर्ष और समाजसेवा के क्षेत्रों में उनका गहरा अनुभव उन्हें जनपक्षधर नेतृत्वकर्ता बनाता है।
साहित्यकार,कवि और शिक्षाविद
बुन्देलखण्ड के प्रसिद्ध साहित्यकार, हिंदी के कवि और शिक्षाविद् है, जिनकी रचनाओं में राष्ट्रभक्ति, मानवीय मूल्य और सामाजिक जागरूकता की गहरी छाप मिलती है। उन्हें साहित्यिक योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
(वरिष्ठ पत्रकार)
पत्रकारिता जगत में 50 वर्षों से सक्रिय, बुंदेलखंड विशेषकर बाँदा की जनभावनाओं और जमीनी सच्चाइयों की आवाज़ बने रहे हैं। उनकी लेखनी, विश्लेषण क्षमता और सत्यनिष्ठ कार्यशैली ने पत्रकारिता को विश्वसनीयता और सामाजिक सरोकार का मजबूत आधार दिया है।
(शिक्षाविद एवं समाजसेवी)
स्वास्थ्य क्षेत्र में डॉक्टर होने के साथ-साथ महिलाओं के सशक्तिकरण, स्वास्थ्य जागरूकता और सामाजिक उत्थान में सक्रिय योगदान दे रही हैं। उनकी पहचान एक संवेदनशील शिक्षाविद एवं जागरूक समाजसेवी के रूप में है, जो शिक्षित समाज की सशक्त आधारशिला का निर्माण कर रही हैं।
(प्राचार्या , राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बाँदा)
अंग्रेज़ी साहित्य की विदुषी एवं अनुभवी शिक्षाविद् हैं। छात्राओं के शैक्षणिक एवं व्यक्तित्व विकास के लिए सतत कार्यरत हैं। शिक्षा में गुणवत्ता और नवाचार को बढ़ावा देना उनका प्रमुख लक्ष्य है।
P.C.S. ज्वाइंट कमिश्नर
संस्थापक, बुंदेलखंड न्यूज़
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट मैनेजर
डी.एफ.सी.सी. (रेल मंत्रालय)
लेखाकार
समाजसेवी
शिक्षक
युवा नेता
प्रधान संपादक, बुंदेलखंड न्यूज़
व्यवसायी
समाजसेवी
उद्यमी
हमारे नायकों की आवाज़ में गूंजता है अपनापन और गर्व, आपका स्वागत है इस विशेष समारोह में
बाँदा गौरव सम्मान को सफल बनाने में योगदान देने वाले हमारे मूल्यवान सहयोगियों का हार्दिक आभार
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